नचिकेता के पिता वाजश्रवा एक गुरुकुल के कुलपति थे | पिछले कई पीढियों से यह गुरुकुल उनके परिवार की धरोहर थी | देश के दो केन्द्रीय मंत्री , आठ सांसद और अलग अलग विधानसभा के कई विधायक उनके ही गुरुकुल के शिष्य रहे थे | ये बात अलग है की उनमे से अधिकतर अनुशासन हीनता के कारण आश्रम से निकल दिए गये थे |
मेधावी छात्रो में 12 15 अफसर सैकड़ो डॉक्टर और हजारो इंजिनियर ने जिन्दगी के गुर सीखे थे |
आज वाजश्रवा के यहाँ यज्ञ है | ब्रम्हा को पाने के लिए ब्रम्हण यज्ञ | वो दूर दूर से आये ब्राम्हणों को एक एक करके सब कुछ दान कर रहे थे | ये देख नचिकेता खिन्न हुआ |
उसने पिता को टोका
- क्या आप सब कुछ दे देंगे ?
- हाँ |
- और मेरे लिए
-तुम्हारा ज्ञान तुम्हारी शिक्षा ही तुम्हारा धन है |
- पर कुछ तो रखो | इतना की रिश्वत न सही नौकरी की परीक्षा फीस भर सकूँ |
- तुममे मेधा है , कला है . नौकरी क्यों |
- करने के लिए तो मैं साम गन कर सकता हूँ पर ..| आपको कुछ छोड़ना चाहिए |
- मैं अपना सब कुछ दान कर दूंगा
- मुझे भी ?
- हाँ
- किसे ?
- जा मैं तुझे मृत्यु को देता हूँ
और नचिकेता निकल गया | अपना बैग लैपटॉप और चार्जर लेकर | हाईवे तक पैदल आया | फिर लिफ्ट ले ली |
दो दिन बाद वो यम के घर पंहुचा |
क्रमशः ................................
मेधावी छात्रो में 12 15 अफसर सैकड़ो डॉक्टर और हजारो इंजिनियर ने जिन्दगी के गुर सीखे थे |
आज वाजश्रवा के यहाँ यज्ञ है | ब्रम्हा को पाने के लिए ब्रम्हण यज्ञ | वो दूर दूर से आये ब्राम्हणों को एक एक करके सब कुछ दान कर रहे थे | ये देख नचिकेता खिन्न हुआ |
उसने पिता को टोका
- क्या आप सब कुछ दे देंगे ?
- हाँ |
- और मेरे लिए
-तुम्हारा ज्ञान तुम्हारी शिक्षा ही तुम्हारा धन है |
- पर कुछ तो रखो | इतना की रिश्वत न सही नौकरी की परीक्षा फीस भर सकूँ |
- तुममे मेधा है , कला है . नौकरी क्यों |
- करने के लिए तो मैं साम गन कर सकता हूँ पर ..| आपको कुछ छोड़ना चाहिए |
- मैं अपना सब कुछ दान कर दूंगा
- मुझे भी ?
- हाँ
- किसे ?
- जा मैं तुझे मृत्यु को देता हूँ
और नचिकेता निकल गया | अपना बैग लैपटॉप और चार्जर लेकर | हाईवे तक पैदल आया | फिर लिफ्ट ले ली |
दो दिन बाद वो यम के घर पंहुचा |
क्रमशः ................................
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